Saturday, July 23, 2011

इंतजार



मोह्हबत के आलम में कुछ नशा होता हैं,
डूबने को उसमे हर कोई बेताब होता हैं |

दोनो के दिल में होती हैं एक हल-चल,
और लफ्जोँ से लद्द रही होती हैं एक जुबान |
आखोँ में लिखी होती हैं कई बातें,
और कॉनो में गूंजती हैं बस एक ही आवाज़ |

सपनो में खो जाती हैं ज़िन्दगी,
और होठो से निकलती हैं बस ये शायरी |
मिलने के लिए होता हैं लम्बा इंतज़ार,
आपके बारे में ना सोचे तोह वोह लम्हा बेकार |

काश हम वो कह पाते जो तुम कह पातें,
थामकर तुम्हारा हाथ जो हम कुछ बढ़ पातें |
किस्मत पर तोह क्या रोएँ अब हम,
हम खुद ही जो कुछ कर पातें |

खैर अब वक्त आगे पढ़ गया हैं,
तो आप भी पिछे छुट जायेंगे |
खुदा करे आप हमेशा हमें याद रखे,
दिल कहता हैं आप अगले ही मौड़ पर मिल जायेंगे |

- हितेश खण्डेलवाल

Intezar
Hitesh Khandelwal

1 comment:

gurufrequent said...

"दिल कहता हैं आप अगले ही मौड़ पर मिल जायेंगे"...nice line yaar :)
chaa gaye hitesh bhai....