Sunday, October 30, 2011

एक सपना हैं



एक सपना हैं, सितारों से आगे बढ़ जाना हैं,
दूरियों से कतराते नहीं हैं हम,
हमने तोह हजारो पलो को पीछे छोड़ दिया हैं,
ऐ चाँद आज तुझे निचे आ जाना हैं |

एक सपना हैं, सूरज को निगल जाना हैं,
तपन से डरते नहीं हैं हम,
हमने तोह शोलो को दिल में पाला हैं,
ऐ सूरज आज तुझे मद्धम हो जाना हैं |

एक सपना हैं, पहाड़ो को चढ़ जाना हैं,
उचाई से सहमते नहीं हैं हम,
हमने तोह बादलो में घर बसाया हैं,
ऐ पहाड़ आज तुझे झुक जाना हैं |

एक सपना हैं, सागर को पार कर जाना हैं,
लहरों का सामना करने से लगता नहीं डर हमें,
हमने तोह दरियाओ को सिने में बांधा हैं,
ऐ सागर आज तुझको भीग जाना हैं |

एक सपना हैं, इस बोतल को एक घुट में पी जाना हैं,
नशा हो जाने दो आज तोह,
हमने कौनसा होश में आना हैं,
ऐ बोतल ये मैखाना हमारा ठिकाना हैं |

एक सपना हैं, सपनो से आगे दुनिया बसना हैं,
सपना टूटने से डरता कोन हैं,
हमने तोह गिरकर ही चलना सिखा हैं,
ऐ ख्य्वाब आज तुझे सो जाना हैं |

- हितेश खण्डेलवाल

Ek Sapna Hain
Hitesh Khandelwal

नज़रे चुराना



चुपके-चुपके उनका वोह नज़रे चुराना,
आहिस्ता-आहिस्ता इन लटो को सुलझाना,
हलके-हलके उन लब्जो को दोहराना,
आपका वोह मुड़ जाना, हमसे कतराना |

ना दीजिये हमें ये सजा इस तरहा,
रखिये ना प्यासा प्यार के बिना,
मुड़ मुड़ कर वोह आपको देखना, और
आपका शर्मा कर वोह परदे में छुपना |

सावन में आपका दामन भिग जाना,
और अकेले में खिलकर मुस्कुराना,
धीरे-धीरे वोह आपका पीछा करना, और
आपका नंगे पैर वोह दौड़ जाना |

आपकी तारीफ में हमारा ग़ज़ल लिखना,
और ये जाम में आपका नशा पीना,
टुक-टुक निगाहे वोह खिड़की पर टिकाये रखना, और
आपका घबराकर वोह गली से निकलना |

हमारी चाहत को, आपका दिल में छुपाकर रखना,
वोह आपका हमें छुप-छुप कर देखना,
वादा हे, हम आपको पा लेंगे,
पर छोड़ दीजिये यूँ हमसे नज़रे चुराना |

- हितेश खण्डेलवाल

Nazre Churana
Hitesh Khandelwal